राम मंदिर ट्रस्ट की बड़ी पहल: सुप्रीम कोर्ट से ऐतिहासिक साक्ष्य लौटाने की तैयारी, संग्रहालय में होंगे संरक्षित
- Sonu Yadav
- 4 days ago
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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर से जुड़ा एक और अहम अध्याय सामने आ रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट अब सुप्रीम कोर्ट से उन ऐतिहासिक सबूतों और दस्तावेजों को वापस मांगने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है, जिनके आधार पर राम जन्मभूमि विवाद में सर्वोच्च अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इन साक्ष्यों ने न केवल दशकों पुराने कानूनी विवाद का अंत किया, बल्कि देशभर में आस्था और विश्वास को नई दिशा भी दी।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस विषय पर जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि अब इस फैसले को चुनौती देने वाला कोई भी पक्ष शेष नहीं है। उन्होंने कहा कि जब न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और फैसला अंतिम रूप ले चुका है, तो अदालत में प्रस्तुत किए गए सभी ऐतिहासिक प्रमाणों को संरक्षित रूप में वापस लाया जाना स्वाभाविक है। उनका मानना है कि ये साक्ष्य केवल कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का अहम हिस्सा हैं।
नृपेंद्र मिश्र के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त होने वाले सभी ऐतिहासिक साक्ष्यों और दस्तावेजों को राम मंदिर परिसर में निर्माणाधीन भव्य संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा। इस संग्रहालय को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां आने वाले श्रद्धालु, शोधकर्ता और पर्यटक राम जन्मभूमि से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों, पुरातात्विक प्रमाणों और न्यायिक संघर्ष की पूरी यात्रा को एक ही स्थान पर देख और समझ सकें।
ट्रस्ट का उद्देश्य है कि इन साक्ष्यों को आधुनिक संरक्षण तकनीकों के माध्यम से सुरक्षित रखा जाए, ताकि समय के साथ इनकी मौलिकता और महत्व बना रहे। संग्रहालय में इन दस्तावेजों के साथ-साथ डिजिटल डिस्प्ले, ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति और विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे आम लोग भी इस ऐतिहासिक निर्णय की पृष्ठभूमि को सहज रूप से समझ सकें।
राम मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि इन ऐतिहासिक प्रमाणों का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन और संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर होगा। इससे न सिर्फ राम मंदिर आंदोलन के ऐतिहासिक पहलुओं को सहेजा जा सकेगा, बल्कि देश की न्यायिक और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूती मिलेगी।
फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट से औपचारिक अनुरोध करने की तैयारी अंतिम चरण में है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जैसे ही ऐतिहासिक साक्ष्य ट्रस्ट को सौंपे जाएंगे, उन्हें संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही राम मंदिर परिसर आस्था के केंद्र के साथ-साथ इतिहास, संस्कृति और न्यायिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण दस्तावेजी केंद्र बनकर उभरेगा।



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