विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा से पास हुआ ‘जी राम जी’ बिल, सदन में तीखी बहस
- Lucky Kumar
- 11 hours ago
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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में उस समय जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, जब ‘जी राम जी’ बिल को पेश किया गया। विपक्ष के तीखे विरोध और नारेबाजी के बावजूद सरकार ने यह विधेयक लोकसभा से पारित करा लिया। बिल पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली, जिसके चलते सदन की कार्यवाही कई बार बाधित भी हुई।
क्या है ‘जी राम जी’ बिल?
‘जी राम जी’ बिल को सरकार ने एक महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रभाव वाला विधेयक बताया है। सरकार का कहना है कि यह बिल प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि इस बिल के कुछ प्रावधान लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं और इससे आम जनता के अधिकारों पर असर पड़ सकता है।
विपक्ष का जोरदार विरोध
जैसे ही बिल को लोकसभा में चर्चा के लिए रखा गया, विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का कहना था कि सरकार बिना पर्याप्त चर्चा और विचार-विमर्श के इस बिल को जल्दबाजी में पास कराना चाहती है। कई सांसदों ने इसे वापस लेने या सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की।
हंगामे के बीच विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए, जिसके चलते लोकसभा अध्यक्ष को कई बार सदन को शांत कराने की अपील करनी पड़ी।
सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से बिल का बचाव करते हुए कहा गया कि ‘जी राम जी’ बिल पूरी तरह से संविधान के दायरे में है और इसका उद्देश्य देशहित में सुधार करना है। केंद्रीय मंत्री ने सदन में कहा कि विपक्ष बिना तथ्यों को समझे केवल राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहा है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि बिल के हर पहलू पर नियमों के अनुसार चर्चा की गई है और किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं की गई।
वोटिंग के बाद पास हुआ बिल
काफी हंगामे और बहस के बाद आखिरकार लोकसभा अध्यक्ष ने बिल को वोटिंग के लिए रखा, जहां बहुमत के आधार पर ‘जी राम जी’ बिल पास हो गया। बिल के पारित होते ही सत्ता पक्ष के सांसदों ने मेज थपथपाकर समर्थन जताया, जबकि विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
आगे की प्रक्रिया
लोकसभा से पारित होने के बाद अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां भी इस पर व्यापक चर्चा और विपक्ष के विरोध की संभावना जताई जा रही है। यदि राज्यसभा से भी यह बिल पास हो जाता है, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
‘जी राम जी’ बिल के पास होने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां सत्ता पक्ष इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे लोकतंत्र पर चोट करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह बिल राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बन सकता है।
विपक्ष के भारी हंगामे के बावजूद लोकसभा से ‘जी राम जी’ बिल का पास होना यह दिखाता है कि सरकार अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अब सभी की नजरें राज्यसभा पर टिकी हैं, जहां इस बिल की अग्निपरीक्षा होना बाकी है।



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