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मैक्सिको के टैरिफ फैसले पर भारत का सख्त रुख: भारतीय निर्यातकों के हितों से समझौता नहीं

  • Writer: Lucky Kumar
    Lucky Kumar
  • 4 days ago
  • 3 min read

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मैक्सिको द्वारा कुछ भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद भारत सरकार ने कड़ा और स्पष्ट रुख अपनाया है। इस फैसले को भारत के निर्यात हितों के लिए नुकसानदायक बताते हुए सरकार ने साफ कहा है कि वह भारतीय निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का अधिकार रखती है। सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक स्तर पर व्यापारिक अनिश्चितताएं पहले से ही बढ़ी हुई हैं।


भारत सरकार की सख्त चेतावनी


शनिवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अपने निर्यातकों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा। अधिकारी के अनुसार,

“भारत भारतीय निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का अधिकार रखता है।


एकतरफा तरीके से अतिरिक्त टैरिफ लगाने से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते बिगड़ सकते हैं। बेहतर होगा कि बातचीत के जरिए इसका समाधान निकाला जाए।”


सरकार का मानना है कि इस तरह के अचानक और भारी टैरिफ बढ़ाने से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, जिसका नुकसान दोनों देशों को उठाना पड़ेगा।


भारतीय निर्यात पर पड़ सकता है असर


मैक्सिको भारतीय उत्पादों के लिए एक उभरता हुआ बाजार रहा है। ऑटो पार्ट्स, केमिकल्स, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल और इंजीनियरिंग गुड्स जैसे कई भारतीय उत्पाद वहां निर्यात किए जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ने से भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता कमजोर पड़ सकती है।


निर्यातकों का कहना है कि यदि यह टैरिफ लंबे समय तक लागू रहा, तो भारतीय कंपनियों को ऑर्डर घटने, मुनाफा कम होने और नए बाजार तलाशने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

व्यापारिक रिश्तों पर तनाव की आशंका


भारत और मैक्सिको के बीच अब तक व्यापारिक संबंध स्थिर और सहयोगात्मक रहे हैं। ऐसे में एकतरफा टैरिफ बढ़ोतरी को कूटनीतिक दृष्टि से भी संवेदनशील माना जा रहा है। भारत सरकार का मानना है कि इस तरह के फैसले आपसी विश्वास को कमजोर कर सकते हैं और लंबे समय में व्यापारिक सहयोग पर असर डाल सकते हैं।


सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो भारत भी जवाबी कदम उठा सकता है, हालांकि प्राथमिकता अभी भी बातचीत और कूटनीतिक समाधान को दी जा रही है।


बातचीत से समाधान पर जोर


भारत ने स्पष्ट किया है कि वह टकराव की बजाय संवाद और बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है। अधिकारियों के मुताबिक, भारत चाहता है कि मैक्सिको अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और दोनों देश आपसी सहमति से ऐसा समाधान निकालें जिससे व्यापार प्रभावित न हो।


निर्यातकों की सरकार से उम्मीद


भारतीय निर्यातक संगठनों ने सरकार के रुख का समर्थन करते हुए कहा है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात में निर्यात पहले ही दबाव में है। ऐसे में सरकार का यह स्पष्ट संदेश कि वह निर्यातकों के साथ खड़ी है, उद्योग जगत के लिए राहत भरा है।


मैक्सिको द्वारा भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला भारत के लिए एक आर्थिक और कूटनीतिक चुनौती बनकर सामने आया है। भारत सरकार का सख्त रुख यह संकेत देता है कि देश अपने व्यापारिक हितों और निर्यातकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि बातचीत से कोई समाधान निकलता है या फिर यह मामला अंतरराष्ट्रीय व्यापार विवाद का रूप लेता है।


फिलहाल, भारत ने साफ कर दिया है कि भारतीय निर्यातकों के हित सर्वोपरि हैं और उनकी रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।

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