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बांग्लादेश में उबाल: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में भड़के विरोध प्रदर्शन

  • Writer: Lucky Kumar
    Lucky Kumar
  • 10 hours ago
  • 2 min read

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ढाका:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता के खिलाफ चले आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले छात्र विद्रोह के नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सामने आते ही बांग्लादेश में हालात तेजी से बिगड़ गए और देश के कई हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।


खासतौर पर राजधानी ढाका में हालात तनावपूर्ण हो गए, जहां गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कई प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों और अखबारों के कार्यालयों में तोड़फोड़ की। सड़कों पर भारी संख्या में लोग उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।


आंदोलन का अहम चेहरा थे शरीफ उस्मान हादी

शरीफ उस्मान हादी को बांग्लादेश में छात्र आंदोलन का एक मजबूत और प्रभावशाली चेहरा माना जाता था। शेख हसीना सरकार के खिलाफ चले आंदोलनों में उनकी सक्रिय भूमिका रही थी। युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता काफी थी और वे बदलाव की आवाज बनकर उभरे थे।


उनकी अचानक मौत ने आंदोलन से जुड़े लोगों और छात्रों को गहरा झटका दिया है। समर्थकों का आरोप है कि हादी की मौत सामान्य नहीं है और इसके पीछे साजिश हो सकती है।


ढाका में हिंसक प्रदर्शन


हादी की मौत की खबर फैलते ही ढाका की सड़कों पर हालात बेकाबू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कई मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया और सरकारी नीतियों के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। कई इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव की स्थिति भी बनी।


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मीडिया सच्चाई को दबा रहा है और हादी की मौत के पीछे की असली वजह सामने नहीं ला रहा।


यूनुस का बड़ा बयान


इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सत्ता से जुड़े यूनुस ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि शरीफ उस्मान हादी की मौत के जिम्मेदार लोगों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। यूनुस ने कहा कि सरकार इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करेगी।


इसके साथ ही सरकार की ओर से एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है, जिससे साफ है कि हादी की मौत को गंभीरता से लिया जा रहा है।


राजनीतिक और सामाजिक असर


विशेषज्ञों का मानना है कि हादी की मौत बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे देश में यह घटना हालात को और जटिल बना सकती है। छात्र संगठन, मानवाधिकार समूह और विपक्षी दल इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की तैयारी में हैं।


अंतरराष्ट्रीय नजर


शरीफ उस्मान हादी की मौत और उसके बाद भड़की हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर है। सिंगापुर में इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब आना अभी बाकी है।


शरीफ उस्मान हादी की मौत सिर्फ एक छात्र नेता की मौत नहीं, बल्कि यह बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संघर्ष का एक अहम अध्याय बन गई है। देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शन, मीडिया दफ्तरों पर हमले और सरकार की सख्त घोषणाएं आने वाले दिनों में बांग्लादेश की दिशा तय कर सकती हैं।

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या हादी की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आएगी और क्या सरकार अपने वादे के मुताबिक दोषियों को सजा दिला पाएगी।


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