कांग्रेस ने ओडिशा के पूर्व विधायक मोहम्मद मुकीम को पार्टी से निकाला, पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
- Lucky Kumar
- 16 hours ago
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कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक अनुशासन को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए ओडिशा के पूर्व विधायक मोहम्मद मुकीम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। यह फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने लिया, जबकि इसका औपचारिक आदेश ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OPCC) की ओर से जारी किया गया।
पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
OPCC द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मोहम्मद मुकीम के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। इन शिकायतों की समीक्षा के बाद पार्टी नेतृत्व ने यह सख्त फैसला लिया। कांग्रेस का कहना है कि संगठन के भीतर अनुशासन और एकजुटता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके खिलाफ जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
AICC के निर्देश पर हुई कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई AICC के निर्देश पर की गई है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि चुनावी दौर में या संगठनात्मक मजबूती के समय अनुशासनहीनता कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है। इसी कारण पार्टी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर पार्टी लाइन से अलग जाकर काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ओडिशा कांग्रेस में हलचल
मोहम्मद मुकीम को पार्टी से निकाले जाने के बाद ओडिशा कांग्रेस के भीतर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि यह फैसला संगठन को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया जरूरी कदम है, जबकि कुछ इसे ओडिशा की राजनीति में अंदरूनी खींचतान से जोड़कर देख रहे हैं।
मोहम्मद मुकीम का राजनीतिक सफर
मोहम्मद मुकीम ओडिशा की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम रहे हैं। वे पहले कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं और राज्य की राजनीति में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। हालांकि हाल के दिनों में उनके बयानों और गतिविधियों को लेकर पार्टी नेतृत्व असहज बताया जा रहा था।
विपक्ष को मिला मुद्दा
इस कार्रवाई के बाद विपक्षी दलों को कांग्रेस पर हमला करने का नया मौका मिल गया है। विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस में असंतोष और गुटबाजी बढ़ रही है, जिसकी वजह से ऐसे फैसले लेने पड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह फैसला पूरी तरह अनुशासनात्मक प्रक्रिया के तहत लिया गया है।
कांग्रेस का संदेश: अनुशासन सर्वोपरि
पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह फैसला कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए स्पष्ट संदेश है कि संगठन के खिलाफ काम करने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है। आगामी चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अब संगठन को मजबूत और एकजुट करने पर पूरा फोकस कर रही है।
आगे क्या?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि—
क्या मोहम्मद मुकीम इस फैसले को चुनौती देंगे?
क्या वे किसी अन्य राजनीतिक दल का रुख करेंगे?
और इस निष्कासन का ओडिशा की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा?
इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आ सकते हैं।
कांग्रेस द्वारा मोहम्मद मुकीम को पार्टी से निकाले जाने का फैसला यह दर्शाता है कि पार्टी अब अनुशासन और संगठनात्मक मजबूती को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहती। ओडिशा की राजनीति में यह कदम कितना असर डालेगा, यह आने वाला समय बताएगा।



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