18 दिसंबर से दिल्ली में सख्त प्रदूषण नियम लागू बीएस-6 से नीचे के वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद
- Lucky Kumar
- 15 hours ago
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दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता और खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। 18 दिसंबर से राजधानी दिल्ली में बीएस-6 मानक से नीचे के डीज़ल वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही बाहर के राज्यों से आने वाले प्राइवेट वाहनों पर भी सख्ती बरती जाएगी।
सिर्फ दिल्ली रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियां ही चल सकेंगी
नए नियमों के अनुसार, केवल दिल्ली रजिस्ट्रेशन (DL नंबर) वाली गाड़ियों को ही राजधानी में चलने की अनुमति दी जाएगी। अन्य राज्यों के रजिस्ट्रेशन वाले प्राइवेट वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, चाहे वे पेट्रोल से चलने वाले हों या डीज़ल से।
सरकार का मानना है कि बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की वजह से दिल्ली में ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों में भारी इजाफा होता है, जिस पर अब पूरी तरह लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है।
बीएस-6 से नीचे के डीज़ल वाहन पूरी तरह बैन
बीएस-6 उत्सर्जन मानक अप्रैल 2020 से लागू है, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में पुराने डीज़ल वाहन दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। 18 दिसंबर से बीएस-6 से नीचे के सभी डीज़ल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ऐसे वाहन न तो दिल्ली में चल सकेंगे और न ही शहर में प्रवेश कर पाएंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, पुराने डीज़ल वाहन सबसे ज्यादा हानिकारक गैसें छोड़ते हैं, जो स्मॉग और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बनती हैं।
बिना PUC सर्टिफिकेट पेट्रोल-डीज़ल नहीं मिलेगा
सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUC) नहीं होगा, उन्हें 18 दिसंबर से पेट्रोल और डीज़ल पेट्रोल पंप पर नहीं मिलेगा।
पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए गए हैं कि वे PUC सर्टिफिकेट की जांच के बाद ही ईंधन दें। नियम तोड़ने पर वाहन मालिक के साथ-साथ पेट्रोल पंप संचालकों पर भी भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
प्रदूषण बना सबसे बड़ी वजह
दिल्ली की हवा लंबे समय से “गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते वाहन, निर्माण कार्य, पराली का धुआं और मौसम की स्थिति मिलकर प्रदूषण को और खतरनाक बना रहे हैं। बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए हालात बेहद चिंताजनक हो चुके हैं।
इसी वजह से सरकार ने यह सख्त फैसला लिया है ताकि:
वायु गुणवत्ता में सुधार हो
जहरीले धुएं पर नियंत्रण पाया जा सके
लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके
नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई
जो वाहन इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ:
भारी जुर्माना
वाहन जब्त
कानूनी कार्रवाई
जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
जनता से अपील
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि:
पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक इस्तेमाल करें
कार पूलिंग अपनाएं
वाहन का PUC समय पर बनवाएं
पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का उपयोग न करें
18 दिसंबर से लागू होने वाले ये नियम दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा और जरूरी कदम माने जा रहे हैं। हालांकि इससे आम लोगों को कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन स्वच्छ हवा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि ये सख्त नियम दिल्ली की जहरीली हवा को कितनी राहत दिला पाते हैं।



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