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प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों की रणनीतिक यात्रा पर रवाना, जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान में करेंगे कई अहम बैठकों में हिस्सा

  • Writer: Sonu Yadav
    Sonu Yadav
  • 3 days ago
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों—जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान—की महत्वपूर्ण और रणनीतिक यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस दौरे के दौरान वे प्रत्येक देश में आधिकारिक कार्यक्रमों, द्विपक्षीय बैठकों और कई मंचों पर भारत के हितों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। यह यात्रा न केवल भारत की विदेश नीति को सक्रिय बनाए रखने में अहम है, बल्कि इन देशों के साथ भारत के कूटनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर भी प्रदान करेगी।


प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य तीनों देशों के साथ सहयोग के नए आयाम स्थापित करना और व्यापार, निवेश, ऊर्जा, जल संसाधन, तकनीकी नवाचार तथा अन्य क्षेत्रीय साझेदारियों को मजबूत करना है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इन देशों के शीर्ष नेताओं के साथ विभिन्न निवेशिक अवसरों, व्यापारिक परियोजनाओं, तकनीकी सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा मामलों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। साथ ही, इस यात्रा के दौरान भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करने के लिए कूटनीतिक वार्ता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यापारिक बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा।


जॉर्डन में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति का मुख्य फोकस मध्यपूर्व में रणनीतिक साझेदारी, सुरक्षा सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना होगा। इथियोपिया की यात्रा के दौरान वे अफ्रीकी देशों के साथ भारत के सहयोग और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर विशेष ध्यान देंगे। वहीं, ओमान में ऊर्जा सुरक्षा, व्यापारिक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएं होंगी।


विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत की विदेश नीति में निर्णायक मोड़ साबित होगी। प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय कूटनीति और नेतृत्व क्षमता ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती दी है। इस दौरे से न केवल तीनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आएगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता, निवेश के अवसर और वैश्विक आर्थिक भागीदारी को भी बढ़ावा मिलेगा।


साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान विभिन्न निवेशकों, उद्योगपतियों और संगठनों से मिलकर भारत को निवेश के अनुकूल माहौल वाले देश के रूप में पेश करेंगे। इसका उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना और व्यापारिक साझेदारियों को नई दिशा देना है। यह यात्रा भारतीय विदेश नीति में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है, जो देश के आर्थिक, रणनीतिक और कूटनीतिक मोर्चों पर स्थिति को और सुदृढ़ करेगी।


इस यात्रा का व्यापक असर भारतीय कूटनीति, वैश्विक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ेगा। आने वाले हफ्तों में जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान में प्रधानमंत्री मोदी की बैठकों और वार्ताओं से कई बड़े समझौते और सहयोगी पहल सामने आने की उम्मीद है। इस दौरे को भारतीय राजनीति और विदेश नीति में एक ऐतिहासिक और रणनीतिक कदम माना जा रहा है।


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