फिल्म इंडस्ट्री को अक्सर “ओवरनाइट सक्सेस” की जगह माना जाता है, जहां एक फिल्म या एक रोल किसी की किस्मत पलट देता है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। यहां टिकने के लिए सिर्फ टैलेंट नहीं, बल्कि धैर्य, आत्मविश्वास और लगातार मेहनत की जरूरत होती है। एक्टर दिव्येंदु शर्मा की जर्नी इस सच्चाई का सबसे मजबूत उदाहरण है। दिव्येंदु का सफर उन कहानियों में से है, जो हमें यह सिखाती हैं कि अगर आप धीरे चल रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप गलत रास्ते पर हैं। स्टारडम से पहले का संघर्ष भरा दौर